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Loksabha Election 2024: आजम खान के गढ़ रामपुर संसदीय सीट के बारे में आइए जानते हैं?

Loksabha Election 2024: Let's know about Azam Khan's stronghold Rampur

Loksabha Election 2024: Let's know about Azam Khan's stronghold Rampur

भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले में स्थित एक शहर और नगर पालिका है। रामपुर मुरादाबाद एवं बरेली के बीच पड़ता है। ये नगर उपर्युक्त ज़िले का प्रशासनिक केंद्र है तथा कोसी के बाएँ किनारे पर बसा हुआ है। इस नगर में उत्तरी रेलवे का स्टेशन भी है। रामपुर का चाकू उद्योग भी विख्यात है। यहां चीनी, वस्त्र और चीनी मिट्टी के बरतन भी निर्मित किए जाते हैं। रामपुर नगर में अरबी भाषा का विद्यालय भी है।

यहां का रामपुर किला, रामपुर रज़ा पुस्तकालय और कोठी ख़ास बाग़ रामपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिने जाते हैं और इसका कुल क्षेत्रफल 2367 वर्ग किलोमीटर है। रामपुर की स्थापना नवाब फैजुल्लाह खान द्वारा किया गया था। वे यहां 1774-1794 तक शासन में रहे थे। इस जिले में 6 तहसील है जिनमें रामपुर सदर, शाहाबाद, बिलासपुर, मिलक, स्वार, टांडा आते हैं।

2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार रामपुर की जनसंख्या 23 लाख से ज्यादा थी। रामपुर की 53.34 फीसदी जनसंख्या साक्षर है, जिनमें पुरुषों का प्रतिशत 61.40 फीसद और महिलाओं की साक्षरता दर 44.44 फीसद है। वहीं इस लोकसभा क्षेत्र में करीब 16 लाख से अधिक मतदाता हैं, इनमें 8,72,084 पुरुष और 7,44,900 महिला वोटर्स हैं। रामपुर क्षेत्र में कुल 50.57 % मुस्लिम आबादी है, जबकि 45.97 % हिंदू जनसंख्या है।

रामपुर का संसदीय इतिहास

इस क्षेत्र के इतिहास की बात करें, तो सन् 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में रामपुर सीट पर कांग्रेस के राजा सैयद अहमद मेहंदी चुनाव में विजयी हुए थे। इसके बाद 1967 में इस सीट पर SWA(स्वतंत्र पार्टी) के एनएसजेडए खान, 1971 में कांग्रेस के जुल्फिकार अली खान, 1977 में BLD(भारतीय लोक दल) के राजेंद्र कुमार शर्मा, 1980 से 1989 तक कांग्रेस के जुल्फिकार अली खान, 1991 में भाजपा के राजेंद्र कुमार शर्मा, 1996 में कांग्रेस की बेगम नूरबानो, 1998 में भाजपा के मुख्तार अब्‍बास नकवी, 1999 में कांग्रेस की बेगम नूरबानो ने चुनाव में विजय पाई थी। इसके बाद वर्ष 2004 से 2009 तक रामपुर पर सपा उम्‍मीदवार जयाप्रदा सांसद रही।

2014 में क्या रहा परिणाम

2014 में हुए आम चुनाव में यहां से भारतीय जनता पार्टी के नेपाल सिंह ने कब्जा किया था। वहीं 2014 में उत्तर प्रदेश से कोई भी मुस्लिम सांसद चुनकर संसद नहीं गया था, जो कि इतिहास में पहली बार घटित हुआ था। इस आम चुनाव में नेपाल सिंह को 37.5 फीसदी वोट और समाजवादी पार्टी के नसीर अहमद खान को 35 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे।इन दोनों के जीत का अंतर मात्र 23,435 वोटों का ही रहा था। यहां कुल 59.2 फीसदी वोट डाले गए थे, इनमें से भी 6905 नोटा को डाले गए थे।

2019 में क्या रहा परिणाम

2019 के आम चुनाव में रामपुर लोकसभा सीट पर 11 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे। लेकिन यहां का मुख्य मुकाबला बीजेपी की जयाप्रदा और सपा के आजम खान के बीच रहा था। जबकि कांग्रेस पार्टी की तरफ से संजय कपूर और एमडीपी के टिकट पर अरसद वारसी मैदान में उतरे थे। यहां से 4 उम्मीदवार बतौर निर्दलीय मैदान में थे। यहां से सपा के आज़म खान ने जीत दर्ज की थी, उन्हें 5,59,177 वोट प्राप्त हुए थे। जबकि भाजपा की स्टार उम्मीदवार जया प्रदा को 4,49,180 वोटों के साथ दूसरे पायदान पर रहीं और कांग्रेस के संजय कपूर को 35,009 वोटों के साथ तीसरे स्थान बने रहे।

2024 में कौन हैं इस सीट से उम्मीदवार

आज़म खान के बारे में

मोहम्मद आजम खान एक भारतीय राजनेता और रामपुर से सांसद हैं। वह समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और उत्तर प्रदेश की 17वीं विधान सभा के सदस्य भी रहे थे। वह उत्तर प्रदेश सरकार में सबसे वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री भी थे और रामपुर विधानसभा क्षेत्र से नौ बार विधान सभा के सदस्य पद पर बने रहे हैं।

इनका जन्म 14 अगस्त 1948 रामपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था और उनकी मां मुमताज खान थी। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। खान ने 1981 में तजीन फातमा से शादी की और उनसे उन्हें दो बेटे हुए। आज़म खान राजनीति में आने से पहले, एक वकील के रूप में भी कार्यरत रहे हैं। उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान 2017 से 2019 तक स्वारटांडा से विधायक थे।

जातिगत समीकरण

रामपुर लोकसभा सीट पर जातिगत समीकरण के लिहाज से देखें तो यहां पर मुस्लिम मतदाताओं की सबसे अधिक संख्या है। मुस्लिम वोटर्स के बाद लोधी वोटर्स की संख्या आती है। यही वजह थी कि भाजपा ने यहां उपचुनाव में लोधी (घनश्याम) को अपना प्रत्याशी बनाया था जिसका उन्हें फायदा भी मिला और वे यहां से जीत दर्ज करने में सफल रहे। यहां मुस्लिम वोटर्स की संख्या करीब 55 फीसदी तो हिंदू वोटर्स की संख्या 43 फीसदी है।

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