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Loksabha Election 2024: सपा का किला कहे जाने वाले मैनपुरी संसदीय सीट के बारे में आइए जानते हैं?

Loksabha Election 2024: Let us know about Mainpuri seat, which is called the fort of SP

Loksabha Election 2024: Let us know about Mainpuri seat, which is called the fort of SP

मैनपुरी जिला उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा डिवीजन के तहत आता है। इसके अंतर्गत छः तहसील, अर्थात् मैनपुरी, भोंगाव, करहल, किशनी, कुरावली और घिरोर शामिल हैं। यह जिला के पूर्व में फर्रुखाबाद और कन्नौज, पश्चिम में जिला फिरोजाबाद और उत्तर में एटा तथा दक्षिण में इटावा जिला स्थित है। 2011 की जनगणना के को देखें तो मैनपुरी जिले की आबादी 2,131,171 है।

जिले में जनसंख्या घनत्व 670 निवासियों प्रति वर्ग किलोमीटर (1,700 / वर्ग मील) है। मैनपुरी में प्रत्येक 1000 पुरुषों के लिए 876 महिलाओं का लिंग अनुपात है और साक्षरता दर 78.26% है। इस सीट के अंतर्गत विधानसभा की 5 सींटें आती हैं, जिनमें करहल, मैनपुरी, भोगांव, जसवंतनगर व किशनी आते हैं।

जब 1801 में देश के मैनपुरी के हिस्से को ब्रिटिश को सौंप दिया गया था, तब इस शहर को इटावा के व्यापक जिले का मुख्यालय बन गया, जो 1856 में एटा और मैनपुरी के गठन से अलग संग्राहकों में घट गया। फिर 1857 में विद्रोह के फैलने पर मैनपुरी में विद्रोह हुआ और पूरे शहर पर हमला किया गया, फिर एक सप्ताह तक स्टेशन पर कुछ यूरोपीय लोगों द्वारा सफलतापूर्वक इसका बचाव किया, और झांसी विद्रोहियों के आने तक जिला छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया।

मैनपुरी का संसदीय इतिहास

इस सीट पर सबसे पहले 1957 के आम चुनाव में पीएसपी के टिकट पर बंसीदास धांगर ने जीत दर्ज की थी। 1962 में कांग्रेस के बादशाह गुप्ता, और फिर 1967 व 1971 में कांग्रेस के ही महाराज सिंह जीते। इस सीट का संसदीय इतिहास…

वर्ष————–प्रत्याशी जीते————–पार्टी का नाम

1951——— बादशाह गुप्ता———– कांग्रेस
1957——— बंशीदास धनगर——- प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
1962———-बादशाह गुप्ता———- कांग्रेस
1967———महाराज सिंह———— कांग्रेस
1971——— महाराज सिंह————कांग्रेस
1977———रघुनाथ सिंह वर्मा——-भारतीय लोकदल
1980——– रघुनाथ सिंह वर्मा——–जनता पार्टी सेकुलर
1984——– चौ. बलराम सिंह——— कांग्रेस
1989———उदयप्रताप सिंह———जनता दल
1991——– उदयप्रताप सिंह———- जनता पार्टी
1996——— मुलायम सिंह———— सपा
1998——– बलराम सिंह————–सपा
1999———बलराम सिंह————–सपा
2004——–मुलायम सिंह—————सपा
2004———उप चुनाव धर्मेंद्र यादव—–सपा
2009——– मुलायम सिंह————- सपा
2014——– मुलायम सिंह————- सपा
2014—–उप चुनाव, तेज प्रताप यादव—-सपा
2019——-मुलायम सिंह यादव———-सपा
2022——–डिंपल यादव————– सपा

2024 में यहां से कौन उम्मीदवार खड़े हैं

डिंपल यादव के बारे में

डिम्पल यादव एक भारतीय राजनेत्री हैं, तथा वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की धर्मपत्नी हैं, जो कि कन्नौज से लगातार दो बार सांसद रह चुकी हैं। वह वर्तमान में 2022 से मैनपुरी से लोकसभा सदस्य हैं। इन्होंने मुलायम सिंह की मृत्यु के बाद यहां से उपचुनाव लड़ा था जहां से ये विजयी हुई थी।

डिंपल यादव का जन्म 1978 में पुणे, [महाराष्ट्र] में हुआ था। वह सेवानिवृत्त भारतीय सेना कर्नल आर.एस. रावत और चम्पा रावत की तीन पुत्रियों में से मंझली पुत्री हैं। उनका परिवार मूल रूप से उत्तराखंड का है। इन्होंने अपने राजनीत की शुरुआत कन्नौज सीट के उपचुनाव पर लड़कर किया था।

राजनीतिक समीकरण

मैनपुरी सीट के जातीगत समीकरण के देखें तो यहां पर इसका कोई खास फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि यहां पर लंबे समय से मुलायम सिंह यादव परिवार का दबदबा रहा है। बीजेपी यहां पर अब तक खाता नहीं खोल सकी है। जबकि कांग्रेस को 40 साल से यहां पर अपनी पहली जीत का इंतजार है। मुलायम सिंह खुद 5 बार यहां से चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। फिलहाल मैनपुरी संसदीय सीट पर पिछड़े वोटर्स की बहुलता रही है। पिछड़े वर्ग के वोटर्स में यादव बिरादरी के वोटर्स की संख्या सबसे अधिक है। इनके अलावा ठाकुर, ब्राह्मण, जाटव और लोधी राजपूत वोटर्स यहां के चुनाव में अपनी अहम भूमिका निभाते रहे हैं। मुस्लिम वोटर्स की भी संख्या एक लाख से ज्यादा थे।

मैनपुरी क्यों प्रसिद्ध है?

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