Site icon UP की बात

Loksabha Eection 2024: निषाद समुदाय के आधिपत्य वाले संसदीय सीट बांसगांव के बारे में आइए जानते हैं?

Let us know about Bansgaon, the parliamentary seat dominated by Nishad community

Let us know about Bansgaon, the parliamentary seat dominated by Nishad community

गोरखपुर जिले के अंदर आने वाली यह संसदीय सीट बांसगांव लोकसभा सीट है और देश की सुरक्षित सीटों में से एक मानी जाती है। इस सीट से महावीर प्रसाद चार बार जीत चुके हैं, जो एक समय प्रदेश के बड़े दलित नेताओं में एक थे और केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्यरत रहे हैं। आपको बता दें कि 1962 से अब तक हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छह बार बाजी मार चुकी है।

जबकि बीजेपी ने 1991 में यहां से जीत का अपना खाता खोला था। वहीं बांसगांव संसदीय सीट यहां पिछले 300 साल से शरीर के किसी हिस्से से मां दुर्गा को रक्त चढ़ाने की परंपरा चले आ रही है। इसके विषय में श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां मांगी हुई हर मुराद पूरी हो जाती है। कोई भी भक्त इस मंदिर से निराश होकर कभी भी नहीं लौटता है।

बांसगांव का संसदीय इतिहास

बांसगांव उत्तर प्रदेश के उत्तरी भूभाग का एक क्षेत्र है, और यह एक आरक्षित सीट है। इस लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की कुल पांच सीटें आती हैं, जिनमें चौरी-चौरा, बांसगांव, चिल्लूपार, रुद्रपुर और बरहज शामिल हैं।

2011 के जनगणना के अनुसार यहां की कुल आबादी 4.5 लाख के करीब है। यहां का राजनैतिक इतिहास देखें तो, 1957 से 1962 में यहां कांग्रेस के महादेव प्रसाद सांसद रहे, लेकिन 1967 में हुए आम चुनाव में समायुक्त सोशलिस्ट पार्टी के मोहलू प्रसाद ने जीत का परचम फहराया था। 1971 में कांग्रेस के राम सूरत प्रसाद ने मोहलू प्रसाद को पराजित कर दिया था, इसके बाद कांग्रेस के महाबीर प्रसाद ने हैट्रिक मारी और 1980, 1984, 1989 में जीत अपने नाम की।

1991 में भाजपा के राजनारायण पासी ने इस सीट से भाजपा का खाता खोला। इस सीट से 1996 में सपा की सुभावती पासवान ने पहली और आखिरी बार इस सीट से जीत दर्ज़ की थी। बता दें कि इस सीट से BJP ने पांच और कांग्रेस ने सात बार जीत दर्ज की है। कौन कब जीता…

2019 में इस सीट से क्या रहा परिणाम

बीजेपी के प्रत्याशी कमलेश पासवान को 5,46,673 वोट मिले थे और वे यहां से जीते थे।
बसपा के प्रत्याशी सदल प्रसाद दूसरे नंबर पर रहे और उन्हें 3,93,205 वोट मिले।
पीएसपी(एल) के सुरेंद्र प्रसाद भारती को 8,717 वोट प्राप्त हुए।

2014 में इस सीट का क्या रहा परिणाम

2014 के आम चुनाव में बांसगांव सुरक्षित संसदीय सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कमलेश पासवान ने परचम फहराया था। उन्होंने इस आम चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के सदल प्रसाद को मात दी थी। कमलेश पासवान को चुनाव में कुल 47.6 फीसदी वोट यानी 4,17,959 मत मिले थे जबकि सदल प्रसाद को 2,28,443 (26.0%) मत हासिल हुए। इस तरह से कमलेश ने यह चुनाव 1,89,516 (21.6%) मतों के अंतर से जीत हासिल दर्ज की थी। यहां से मैदान में कुल 12 उम्मीदवार थे। तीसरे स्थान पर सपा के गोरख प्रसाद रहे जिन्हें 15.2% वोट (1,33,675) मिले थे।

2024 में इस सीट से कौन उम्मीदवार है
2024 में अभी फिलहाल इस सीट से भाजपा प्लस प्रत्याशी ने कमलेश पासवान को ही प्रत्याशी बनाया है। वहीं अन्य पार्टियों ने अभी इस सीट से किसी उम्मीदवार को नहीं उतारा है।

जातीय समीकरण
बांसगांव सीट पर निषाद समुदाय का वोट बैंक सबसे ज्यादा है। दूसरे नंबर पर यादव, तीसरे नंबर पर ब्राह्मण और चौथे स्थान पर मुस्लिम और अनुसूचित जाति के मतदाता आते हैं। वहीं बांसगांव लोकसभा सीट पर पिछले पांच चुनाव से पासवान समाज का प्रत्याशी ही जीतता आ रहा है। कमलेश पासवान से पहले बीजेपी के टिकट पर राज नारायण पासी इस सीट से दो बार सांसद बन चुके हैं। इसके अलावा यहां अन्य अनुसूचित मतदाताओं की भी अच्छी खासी संख्या है।

कमलेश पासवान

कमलेश पासवान का जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पासी समुदाय में हुआ था। उन्होंने गोरखपुर के सेंट पॉल स्कूल से मैट्रिक पास किया है। उनके पिता, ओम प्रकाश पासवान भी एक राजनीतिज्ञ थे पर 1996 में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते समय उनकी हत्या कर दी गई थी। कमलेश ने 2002 में अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में किया था।

शुरुआत में पासवान समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मनीराम (विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र) से उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य भी रहे थे । 2009 में, वह भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो गए और लोकसभा चुनाव लड़े और बांसगांव निर्वाचन क्षेत्र से 15वीं लोकसभा के सदस्य बने ।

Exit mobile version