मथुरा में शुक्रवार को एक बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई सामने आई जब समाजिकी वन प्रभाग, सिविल लाइन स्थित कार्यालय में तैनात प्रधान लिपिक किशोर चतुर्वेदी को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई शुक्रवार दोपहर लगभग 12:45 बजे की गई, जिससे पूरे विभाग में हड़कंप मच गया और कई कर्मचारियों में खलबली मच गई।
सूत्रों के अनुसार, नगला हसनपुर निवासी राजन सिंह अपने क्षेत्र में एक पेट्रोल पंप स्थापित करना चाहते थे। इसके लिए उन्हें संबंधित विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) की आवश्यकता थी। जब वह इसकी प्रक्रिया के लिए विभागीय कार्यालय पहुंचे, तो प्रधान लिपिक किशोर चतुर्वेदी ने ₹50,000 की रिश्वत की मांग की। इस पर राजन सिंह ने तत्काल इसकी शिकायत एंटी करप्शन संगठन आगरा को दी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए टीम प्रभारी सहवीर सिंह ने पूरी रणनीति तैयार की और रिश्वत लेते हुए आरोपी को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया।
जैसे ही प्रधान लिपिक ने रिश्वत की राशि अपने हाथ में ली, मौके पर मौजूद टीम ने उसे पकड़ लिया। उसके पास से रिश्वत की पूरी राशि बरामद की गई। इसके बाद आरोपी को थाना जमुना पार ले जाकर विधिक कार्रवाई की गई और एफआईआर दर्ज की गई।
विशेष सूत्रों की मानें तो किशोर चतुर्वेदी के खिलाफ पूर्व में भी भ्रष्टाचार से संबंधित कई शिकायतें विभाग में पहुंची थीं, लेकिन किसी कारणवश उस समय कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अब जब उसे रंगे हाथ पकड़ा गया है, विभागीय स्तर पर भी जांच तेज कर दी गई है। यह कार्रवाई न केवल विभागीय भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार है, बल्कि इससे आम नागरिकों में यह विश्वास भी जगा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने पर न्याय जरूर मिलता है। मामले की जांच फिलहाल जारी है और अन्य संबंधित अधिकारियों की भूमिका भी खंगाली जा रही है।