अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल यूनिवर्सिटी का पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक मौके पर प्रदेश भर से एमबीबीएस, नर्सिंग और पैरामेडिकल छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ यूनिवर्सिटी परिसर स्थित प्रेक्षागृह में हुआ। समारोह में राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। इस दौरान 70 से अधिक मेधावी छात्रों को राज्यपाल पदक से सम्मानित किया गया।
कुलपति डॉ. संजीव मिश्र ने यूनिवर्सिटी की एक वर्ष की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि अटल यूनिवर्सिटी ने शिक्षा और शोध के क्षेत्र में कई अहम कदम उठाए हैं। चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि बीते आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने चिकित्सा सेवाओं में उल्लेखनीय प्रगति की है। आधुनिक तकनीकों, रोबोटिक सर्जरी और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से मरीजों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने मेडल पाने वाले छात्रों को शुभकामनाएं दीं और उन्हें प्रदेश को स्वस्थ बनाने में सहयोग करने का आह्वान किया।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने घोषणा की कि आने वाले समय में अटल यूनिवर्सिटी में एक नया मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएगा। यहां पढ़ाई के साथ मरीजों को भी बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि बेटियां चिकित्सा शिक्षा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं और कई क्षेत्रों में बेटों को पछाड़ चुकी हैं। यह समाज और परिवार दोनों के लिए गर्व की बात है।
पाठक ने यह भी बताया कि जल्द ही अटल यूनिवर्सिटी में डिजिटल सेंट्रल लाइब्रेरी स्थापित होगी, जिसे विश्व की प्रमुख मेडिकल यूनिवर्सिटियों से जोड़ा जाएगा। इससे छात्र-छात्राएं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रों एवं किताबों तक आसानी से पहुंच सकेंगे। यह कदम शोध और शिक्षा को नई दिशा देने में सहायक होगा।