रबी की बुआई का समय शुरू होते ही किसानों को खाद के लिए भटकना पड़ रहा है। हालत यह है कि जहाँ किसानों को बीस बोरी खाद की जरूरत है, वहीं एक-दो बोरी खाद भी मुश्किल से मिल पा रही है। स्थिति बिगड़ती देख उपजिलाधिकारी कोंच (एसडीएम) ज्योति सिंह ने स्वयं मामले का संज्ञान लिया और सहकारी समिति जुझारपुरा पहुँचकर किसानों को खाद वितरण कराया।
खुद किसानों को खाद दिलवाई
गुरुवार को एसडीएम ज्योति सिंह ने जुझारपुरा समिति पर पहुंचकर खुद किसानों को खाद दिलवाई। लेकिन अन्य केंद्रों पर अब भी खाद की भारी कमी बनी हुई है। क्रय-विक्रय सहकारी समिति समेत कई केंद्रों पर खाद नदारद है।
हर साल किसानों को खाद के लिए भटकना पड़ता है
सुबह से खाद के इंतजार में बैठे किसानों जमाल, श्याम मोहन, प्यार मोहम्मद, पंकज, हबीब, भरत, अंकुर आदि ने बताया कि इस बार डीएपी खाद “ऊंट के मुंह में जीरा” साबित हो रही है। जैसे ही खाद आती है, तुरंत खत्म हो जाती है। हर साल किसानों को खाद के लिए भटकना पड़ता है, लेकिन समाधान नहीं निकलता।
इस पर एसडीएम ज्योति सिंह ने सख्त लहजे में कहा — “किसानों को खाद समय पर मिलेगी। यदि किसी भी सहकारी समिति पर किसानों को परेशान किया गया, तो संबंधित सचिव के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”

