आगरा में नकली दवाओं के कारोबार पर शिकंजा कसते हुए ड्रग विभाग ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की। विभाग की टीम ने अंशिका फार्मा, विभोर मेडिकल एजेंसी और हर्षित ट्रेडर्स पर छापेमारी की। यह कार्रवाई टोरंट फार्मा की दवा के नकली संस्करण बेचने की शिकायत पर की गई।
6 घंटे चली छापेमारी, दस्तावेजों की गहन जांच
ड्रग विभाग की टीम ने तीनों प्रतिष्ठानों पर करीब 6 घंटे तक तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान दवा के स्टॉक की गहन जांच की गई। हालांकि नकली दवा का कोई भौतिक स्टॉक नहीं मिला, लेकिन टीम को खरीद-बिक्री से जुड़े कई दस्तावेज बरामद हुए हैं।
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन दस्तावेजों में गोरखपुर की सप्लाई से जुड़ी जानकारियां मिली हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि नकली दवाओं की खेप गोरखपुर से खरीदी गई थी।
टोरंट फार्मा की शिकायत पर हुई कार्रवाई
टोरंट फार्मा की टीम को यह संदेह हुआ था कि उनकी एक लोकप्रिय दवा — जो मांसपेशियों की चोट और दर्द के इलाज में उपयोग की जाती है — का नकली संस्करण बाजार में बेचा जा रहा है।
कंपनी की जांच टीम ने ग्राहक बनकर कई दिन तक इन मेडिकल एजेंसियों की रेकी की और सैंपल खरीदकर मिलान किया। जब परीक्षण में दवा नकली पाई गई, तो कंपनी ने ड्रग विभाग में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई।
प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि नकली दवा की सप्लाई का मुख्य स्रोत गोरखपुर है। वहीं से ये दवाएं विभिन्न एजेंसियों को भेजी जा रही थीं। ड्रग विभाग अब सप्लाई चैन की गहराई से जांच कर रहा है ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।
थाना कोतवाली में पूछताछ जारी
मामला थाना कोतवाली दवा बाजार क्षेत्र का है। छापेमारी के बाद तीनों प्रतिष्ठानों के संचालकों को पूछताछ के लिए थाना कोतवाली बुलाया गया है। पुलिस और ड्रग विभाग की संयुक्त टीम अब मामले से जुड़े सभी पहलुओं की तलाश और दस्तावेजी सत्यापन कर रही है।
अधिकारियों का बयान
सहायक आयुक्त (औषधि) के निर्देशन में हुई इस कार्रवाई पर विभाग ने कहा कि – “दवा सुरक्षा से समझौता किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नकली दवाओं का निर्माण या विक्रय करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
आगे की जांच में क्या होगा
ड्रग विभाग अब तीनों मेडिकल एजेंसियों के GST रजिस्ट्रेशन, बिलिंग रिकॉर्ड और बैंक लेनदेन की जांच करेगा।
गोरखपुर से जुड़ी सप्लायर कंपनी की पहचान की जा रही है
दवा के सैंपल को लैब में भेजा गया है
रिपोर्ट आने के बाद एफआईआर दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी
क्या है मामला समझिए
- शिकायत: टोरंट फार्मा की दर्द-निवारक दवा की नकली बिक्री
- कार्रवाई: ड्रग विभाग की टीम ने 3 मेडिकल एजेंसियों पर छापा
- बरामदगी: नकली स्टॉक नहीं मिला, पर दस्तावेज मिले
- स्रोत: गोरखपुर से जुड़ा सप्लाई नेटवर्क
- स्थिति: थाना कोतवाली में जांच जारी
आगरा में हुई यह छापेमारी एक बार फिर दर्शाती है कि नकली दवाओं का कारोबार कितनी गहराई तक फैला हुआ है। ड्रग विभाग की यह कार्रवाई न केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि यह पूरे प्रदेश में ऐसी अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए एक सख्त संदेश भी है। सरकार और विभाग अब यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि बाजार में केवल प्रमाणित, सुरक्षित और असली दवाएं ही उपलब्ध रहें।

