उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी)राजीव कृष्णा द्वारा कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर की एक अनोखी तकनीकी पहल “विजन सेफ रोड: एन एक्स्ट्रा माइल फॉर एक्सीडेंट मिटिगेशन का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया गया।यह पहल सड़क दुर्घटनाओं को कम करने, ओवरस्पीडिंग पर नियंत्रण रखने और यातायात अनुशासन को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
पुलिस आयुक्त गौतमबुद्धनगर के निर्देशन में शुरू की गई इस तकनीकी पहल के तहत कमिश्नरेट क्षेत्र के प्रमुख मार्गों पर चलने वाले सभी प्रकार के वाहनों भारी, मध्यम, हल्के और दोपहिया के लिए निर्धारित अधिकतम गति सीमा अब गूगल मैप पर लाइव प्रदर्शित और एकीकृत किया गया है।
इस प्रणाली के लागू होने से वाहन चालक अपने गूगल मैप नेविगेशन पर अपनी वास्तविक गति के साथ-साथ उस मार्ग की निर्धारित गति सीमा भी देख सकेंगे। इससे चालक को तुरंत यह ज्ञात हो सकेगा कि वह निर्धारित सीमा के भीतर वाहन चला रहा है या नहीं। इस तरह यह पहल वाहन चालकों को अपनी गति नियंत्रित करने के लिए प्रेरित करेगी और सड़क दुर्घटनाओं की संभावना को काफी हद तक कम करेगी।
इस परियोजना को साकार रूप देने के लिए गूगल इंडिया और लेप्टन सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट एंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में लेप्टन सॉफ्टवेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राजीव सर्राफ, गूगल इंडिया की इंडिया हेड रोली अग्रवाल, तथा पुलिस आयुक्त गौतमबुद्धनगर लक्ष्मी सिंह ने इस पहल की उपयोगिता, प्रभाव और भविष्य की संभावनाओं पर अपने विचार व्यक्त किए।
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण तेज गति से वाहन चलाना है। यह चालक के साथ-साथ अन्य लोगों के जीवन के लिए भी घातक साबित होता है। प्रत्येक सड़क पर गति सीमा इसलिए तय की गई है ताकि दुर्घटनाओं की संभावना को न्यूनतम किया जा सके। उन्होंने बताया कि इस नई तकनीकी पहल से वाहन चालक अपनी निर्धारित गति के भीतर रहकर सुरक्षित रूप से यात्रा कर सकेंगे। यदि सभी लोग नियमों का पालन करें, तो सड़क सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार संभव है।
कार्यक्रम के दौरान डीजीपी राजीव कृष्णा ने अपने उद्बोधन में कहा कि गूगल मैप आज लोगों के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। नोएडा पुलिस की यह पहल समयानुकूल, प्रासंगिक और एक “लाइफ-सेविंग इंटरवेंशन” है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा नेशनल हाइवे के तीन स्ट्रेचों पर चलाए गए अभियानों से सड़क दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि सड़क दुर्घटनाएं उचित उपायों और जनजागरूकता से कम की जा सकती हैं, और “विजन सेफ रोड” इस दिशा में एक सशक्त कदम है।
डीजीपी ने कहा कि 80 से 90 प्रतिशत नागरिक यातायात नियमों का पालन करना चाहते हैं, परंतु कई बार जानकारी के अभाव में ऐसा नहीं कर पाते। यह पहल उस सूचना की कमी को दूर करेगी। उन्होंने गूगल इंडिया को सुझाव दिया कि स्पीड लिमिट और “दुर्घटना-प्रवण क्षेत्र चेतावनी” के साथ ऑडियो अलर्ट भी जोड़े जाएं ताकि चालक को समय रहते सचेत किया जा सके।
लेप्टन सॉफ्टवेयर के सीईओ राजीव सर्राफ ने कहा कि प्रदेश में पहली बार इस तरह का डेटा-आधारित ट्रैफिक मैनेजमेंट और जनजागरूकता कार्यक्रम लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए प्रवर्तन के साथ-साथ जागरूकता और जानकारी भी अत्यंत आवश्यक है।
गूगल इंडिया की इंडिया हेड रोली अग्रवाल ने कहा कि आने वाले समय में गूगल इंडिया प्रदेश के सभी जिलों के ट्रैफिक विंग के साथ मिलकर सड़क सुरक्षा बढ़ाने और दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए काम करेगा।
अंत में डीजीपी राजीव कृष्णा ने नोएडा पुलिस की इस तकनीकी पहल की सराहना करते हुए कहा कि “विजन सेफ रोड” जैसे नवाचार सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होंगे। इस तरह की पहलें न केवल ओवरस्पीडिंग पर नियंत्रण करेंगी, बल्कि सड़क पर अनुशासन और जनसुरक्षा को भी सशक्त बनाएंगी। उन्होंने कहा कि भारत की डिजिटल क्रांति विश्व में अद्वितीय है और पुलिस विभाग द्वारा तकनीक का यह उपयोग समाज के लिए सीधा लाभकारी सिद्ध होगा।

