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Kannauj :महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के बिना राष्ट्र का समग्र विकास संभव नहीं : राज्यपाल

कन्नौज : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में विभिन्न सरकारी योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को प्रमाण पत्र, सामग्री एवं अन्य आवश्यक सहायता वितरित की।राज्यपाल ने 100 आंगनबाड़ी संसाधन किट, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना के लाभार्थियों को 05 ऋण के स्वीकृति पत्र, 50 आयुष्मान कार्ड, 50 टीबी मरीजों को पोषण किट, पीएम कुसुम योजना के 05 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र, कृषि यंत्र योजना के 05 लाभार्थियों को प्रमाणपत्र और चाबी, एनआरएलएम योजना के 05 उत्कृष्ट कार्य करने वाले समूहों के कैडर को प्रशस्ति पत्र एवं स्वयं सहायता समूहों को 100 सीसीएल का चेक वितरित किया। उन्होंने शासकीय योजनाओं की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि बाल्यावस्था में बच्चों का समुचित विकास अत्यंत आवश्यक है और इसके लिए आंगनवाड़ी केंद्रों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। आंगनवाड़ी केंद्र के बच्चों द्वारा की गई प्रस्तुति सराहनीय है। जिस उम्र में बच्चे माइक पकड़ने में हिचकिचाते हैं, उस उम्र से भी कम उम्र के बच्चों ने सुंदर प्रस्तुति दी, जो प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि बच्चे की प्राथमिक शिक्षा और विकास की शुरुआत घर से होती है, जहाँ वह खेलता-कूदता है और अपनी माँ के सानिध्य में रहता है। गर्भावस्था के दौरान पोषण की उपेक्षा से बच्चे में कमजोरी आ सकती है। इसलिए आवश्यक है कि गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार मिले। जिस प्रकार किसान अपनी अच्छी फसल के लिए उसकी देखभाल करता है, उसी प्रकार हमें अपने बच्चों की देखभाल करनी चाहिए। 8 वर्ष की उम्र तक बच्चों की सीखने की क्षमता सबसे अधिक होती है। इस समय बच्चों को उचित पोषण और देखभाल मिलनी चाहिए। बच्चों को कुपोषण से सुपोषण की ओर ले जाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने भोजन से पूर्व मंत्रोच्चार करने की भी सलाह दी, जिससे पाचन क्रिया में सुधार हो।

राज्यपाल ने कहा कि टीबी, कैंसर जैसे लगभग 200 प्रकार के वायरस जन्म से ही शरीर में मौजूद रहते हैं, लेकिन संतुलित और पौष्टिक आहार से इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है। प्रधानमंत्री द्वारा भारत को टीबी मुक्त करने के संकल्प के तहत उत्तर प्रदेश में अब तक 4 लाख से अधिक मरीजों को टीबी से मुक्त किया गया है। चना, गुड़, सत्तू, ड्राईफ्रूट्स जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन टीबी जैसी बीमारियों में अत्यंत लाभकारी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की आंगनवाड़ियों में 35 हजार से अधिक संसाधन किट उपलब्ध कराई जा चुकी है। वितरित की गई 100 किटों में बच्चों के लिए शैक्षिक और स्वास्थ्य संबंधी सामग्री उपलब्ध है, जो उनके बौद्धिक और शारीरिक विकास में सहायक सिद्ध होगी।

राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के बिना राष्ट्र का समग्र विकास संभव नहीं है। स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं अपने कौशल और सूझबूझ से हर क्षेत्र में योगदान दे रही हैं तथा बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला रही हैं। महिला शक्ति भारत के विकास में सहयोग दे रही है। शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों की उत्कृष्टता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में ज्यादातर मेडल बेटियां प्राप्त कर रही हैं। पशुपालन से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक, प्रत्येक क्षेत्र में बेटियां बेहतर कार्य कर रही हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और लालन-पालन में बेटों और बेटियों में भेदभाव नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने प्रदेश में 6 डिफेंस कॉरिडोर स्थापित किए हैं। लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण किया गया और उसका ऑपरेशन सिंदूर में सफल उपयोग हुआ, जिसका पराक्रम पूरे विश्व ने देखा। यह भारत के युवा वैज्ञानिकों की ताकत है और इसका लाभ आने वाली पीढ़ी को अवश्य मिलना चाहिए। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे सशक्त और देशप्रेमी बनें।राज्यपाल ने मेडिकल कॉलेज परिसर में मौलश्री का पौधा रोपित किया। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी के बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी, राजकीय महिला महाविद्यालय बांगर, कन्नौज की छात्रा ने “राष्ट्र के सतत विकास में महिलाओं की भूमिका” तथा पीएसएम डिग्री कॉलेज, कन्नौज के छात्र ने “जलवायु परिवर्तन” विषय पर सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया।

 

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