उन्नाव जिले के थाना अचलगंज क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सरवागर दुधौड़ा के दर्जनों ग्रामीणों ने बुधवार को भगवंतनगर विधायक आशुतोष शुक्ला के आवास पर पहुंचकर गांव में स्थित देशी शराब की दुकान को तत्काल हटवाने की मांग उठाई। ग्रामीणों ने विधायक को एक लिखित ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि यह दुकान गांव के दुर्गा मंदिर के बिल्कुल पास स्थित है, जिससे ग्रामीणों के धार्मिक और सामाजिक माहौल में विघ्न उत्पन्न हो रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि मंदिर के पास शराब की दुकान होने से महिलाओं, बहनों और बेटियों को वहां आने-जाने में बहुत असुविधा होती है। शराब पीकर उत्पात मचाने वाले लोग मंदिर के रास्ते में अभद्र टिप्पणियां करते हैं और कई बार छेड़खानी तक की घटनाएं सामने आई हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार शराबी मंदिर परिसर में ही बैठकर शराब पीते हैं, जिससे धार्मिक आस्था का अपमान होता है और माहौल अशांत हो जाता है।
ग्रामीणों ने दुकान संचालक मनीष गुप्ता पर आरोप लगाया कि जब उनसे कई बार शराब बिक्री रोकने को कहा गया, तो उसने धमकी दी कि “जहां चाहो शिकायत कर लो, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।” ग्रामीणों का कहना है कि 20 अप्रैल 2025 को इस संबंध में बदरका चौकी में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने बताया कि पहले जिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थना पत्र के बाद कुछ समय के लिए दुकान की बिक्री रोक दी गई थी, लेकिन 26 जून को फिर से दुकान पर खुलेआम शराब बेची जाती दिखी। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि गांव के कुछ असामाजिक तत्व और शहर के आपराधिक प्रवृत्ति के लोग इस दुकान के आसपास जुटते हैं, जो महिलाओं और बच्चों को गाली-गलौज करते हैं, डराते-धमकाते हैं और कई बार मारपीट तक की घटनाएं करते हैं।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि गांव के ही एक आरोपी सुरेश पर हत्या का मुकदमा दर्ज है, जो आए दिन लोगों को धमकाता है और कहता है कि यदि किसी ने विरोध किया तो उसे झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल भिजवा देगा। इससे गांव में भय का माहौल बना हुआ है और लोग खुलकर अपनी बात भी नहीं रख पा रहे हैं।
ग्रामीणों ने विधायक आशुतोष शुक्ला से गुहार लगाई कि ग्राम सभा सरवागर दुधौड़ा में शांति, सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए इस शराब दुकान को तत्काल प्रभाव से हटवाया जाए। उन्होंने कहा कि मंदिर जैसे पवित्र स्थान के पास शराब की बिक्री गांव की परंपरा, संस्कृति और आस्था के विपरीत है, जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विधायक आशुतोष शुक्ला ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए आश्वासन दिया कि मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी और यदि दुकान वाकई धार्मिक स्थल के पास स्थित है, तो उसे हटवाने की हरसंभव कोशिश की जाएगी। ग्रामीणों को भरोसा दिलाया गया कि उनकी धार्मिक भावनाओं का पूरा सम्मान होगा और गांव का माहौल बिगाड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों की यह पहल बताती है कि लोग अब अपने अधिकारों और सामाजिक शांति के लिए संगठित होकर आवाज उठाने लगे हैं। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी बनती है कि उनकी मांगों को गंभीरता से लेकर त्वरित कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का दोबारा सामना न करना पड़े।