गाज़ीपुर जिले में ताड़ीघाट से बारा होते हुए बिहार जाने वाले स्टेट हाइवे पर स्थित टीबी रोड इन दिनों आमजन के लिए खतरे का कारण बन चुकी है। लगभग 38 किलोमीटर लंबी यह सड़क न केवल जिले को बिहार प्रांत से जोड़ती है, बल्कि कामाख्या धाम और गहमर जैसे प्रमुख क्षेत्रों तक पहुँचने का मुख्य मार्ग भी है। इस मार्ग पर आवागमन करने वाले हजारों लोगों की जान रोजाना दांव पर लगी रहती है, क्योंकि सड़क के बीचोंबीच गहरी दरारें उत्पन्न हो चुकी हैं।
करीब छह वर्ष पहले इस सड़क का निर्माण सीमेंट-कांक्रीट (सीसी) तकनीक से ₹240 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। यह निर्माण कार्य तत्कालीन विकास योजनाओं के तहत हुआ था और इसे टिकाऊ, मजबूत और दीर्घकालिक माना गया था। लेकिन वर्तमान में स्थिति बिल्कुल विपरीत है। टीबी रोड पर जगह-जगह गहरी दरारें उभर आई हैं जो खासतौर पर दोपहिया वाहन चालकों के लिए गंभीर खतरा बन चुकी हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते कुछ महीनों में इन दरारों की वजह से कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। कई बाइक सवार असंतुलित होकर गिर चुके हैं, और दुर्भाग्यवश कुछ की मौत भी हो चुकी है। इतना सब कुछ होने के बावजूद जिम्मेदार विभागों की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। न ही किसी प्रकार की मरम्मत कराई गई है और न ही चेतावनी चिन्ह लगाए गए हैं, जिससे राहगीरों को सतर्क किया जा सके।
स्थानीय नागरिकों और राहगीरों का प्रशासन से यही आग्रह है कि सड़क की मरम्मत तत्काल कराई जाए। लोगों का कहना है कि बारिश का मौसम शुरू होते ही इन दरारों की स्थिति और भी भयावह हो सकती है, जिससे दुर्घटनाओं में वृद्धि हो सकती है। बारिश का पानी इन दरारों में जमा होकर सड़क की हालत को और खराब करेगा और राहगीरों के लिए इसे पहचानना और भी कठिन हो जाएगा।
इसके साथ ही यह मार्ग व्यापार, तीर्थ और सामान्य यातायात के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। गहमर जैसे सैनिक बहुल क्षेत्रों के लिए यह मार्ग सामरिक दृष्टिकोण से भी अहम है। ऐसे में यह और भी आवश्यक हो जाता है कि सड़क की स्थिति को ठीक रखा जाए ताकि परिवहन में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।
सरकारी योजनाओं के अंतर्गत बनी यह सड़क, जो कभी एक मिसाल मानी जाती थी, आज बदहाल अवस्था में है। यह दर्शाता है कि निर्माण के बाद उसका रखरखाव और निरीक्षण कितना जरूरी होता है। प्रशासन यदि समय रहते हस्तक्षेप नहीं करता है, तो यह लापरवाही और अधिक जानलेवा साबित हो सकती है।