बरेली में सरकारी जमीनों पर कॉलोनियां बसाए जाने का मामला अब शासन स्तर तक पहुंच गया है। जिला सहकारी संघ के पूर्व अध्यक्ष महेश पांडेय ने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यहां शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत का संज्ञान लेते हुए 19 दिसंबर को शासन स्तर से जिलाधिकारी को पूरे प्रकरण की जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं।
सरकारी जमीनों पर कॉलोनियों का आरोप, कॉलोनाइजरों में खलबली
शिकायत के बाद बरेली में तालाब, चकमार्ग और सीलिंग जैसी श्रेणियों की सरकारी जमीनों पर कॉलोनियां बसाने वालों में हड़कंप मच गया है। जिला प्रशासन ने मामले की प्रारंभिक जांच सदर तहसीलदार को सौंपी है। आदेश के अनुसार बदायूं मार्ग पर स्थित साउथ सिटी, पीलीभीत बाइपास की हारमोनी कॉलोनी और डोहरा मार्ग पर स्थित होरीजन सुपरसिटी कॉलोनी में सीलिंग भूमि पर कथित अवैध कब्जों की जांच की जाएगी।
शासन के आदेश पर डीएम को सौंपी गई जिम्मेदारी
दरअसल, महेश पांडेय ने 22 नवंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद शासन स्तर से 19 दिसंबर को जिलाधिकारी को निर्देश दिए गए कि प्रकरण की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। शासनादेश के बाद एडीएम सिटी सौरभ दुबे ने जांच की जिम्मेदारी सदर तहसीलदार को सौंपते हुए शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
फर्जी रिपोर्ट भेजकर नक्शे स्वीकृत कराने का आरोप
शिकायतकर्ता का आरोप है कि राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) को फर्जी रिपोर्ट भेजी गईं और तथ्यों को छिपाकर भवनों के नक्शे स्वीकृत कराए गए। आरोपों के अनुसार बदायूं मार्ग की साउथ सिटी, पीलीभीत बाइपास की हारमोनी और डोहरा मार्ग की होरीजन सुपरसिटी कॉलोनी के कॉलोनाइजर इस पूरे मामले में प्रमुख रूप से शामिल हैं।
कई कंपनियों के नाम पर किया गया खेल
शिकायत में यह भी कहा गया है कि संबंधित कॉलोनाइजरों ने स्वयं और परिजनों के नाम पर कई कंपनियां बना रखी हैं। इनमें केसर बिल्डटेक, कावेर इंटरप्राइजेज, प्राइम प्रॉपर्टीज और सिल्वर स्टेट जैसी कंपनियां प्रमुख हैं। आरोप है कि इन कंपनियों के जरिए सरकारी भूमि पर कॉलोनियों का विकास किया गया।
तालाब और जलमग्न भूमि पर निर्माण का दावा
महेश पांडेय का दावा है कि साउथ सिटी कॉलोनी में तालाब, चकमार्ग, खाई और सीलिंग की जमीन के तथ्यों को छिपाकर बीडीए से नक्शे पास कराए गए। सुपरसिटी कॉलोनी की पूरी जमीन सीलिंग की बताई गई है। वहीं सिल्वर स्टेट जिस भूमि पर विकसित की गई है, वह तालाब और सीलिंग श्रेणी की है। होरीजन कॉलोनी के खसरा अभिलेखों में भी संबंधित भूमि को जलमग्न और खाई की जमीन बताया गया है।
प्रशासन का बयान: नियमों के तहत होगी कार्रवाई
एडीएम सिटी सौरभ दुबे ने बताया कि साउथ सिटी, हारमोनी और होरीजन सुपरसिटी कॉलोनियों की जमीन से जुड़े अभिलेखों की विस्तृत जांच के लिए सदर तहसीलदार को निर्देशित किया गया है। यदि जांच में कॉलोनियां सरकारी जमीन पर बनी पाई जाती हैं, तो नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी को भी सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे की छूट नहीं दी जाएगी।

