उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार, 1 नवंबर को गोरखनाथ मंदिर स्थित दिग्विजयनाथ सभागार में जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान करीब 200 लोगों की शिकायतें सुनीं। इस दौरान उन्होंने हत्या, दहेज उत्पीड़न और जमीन कब्जे से जुड़े मामलों पर कड़ा रुख दिखाया और अधिकारियों को साफ निर्देश दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि किसी निर्दोष व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचेगा और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। बस्ती और सिद्धार्थनगर से आई महिला फरियादियों की शिकायतें सुनते हुए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया। उन्होंने जमीन-जायदाद विवादों पर कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी के अधिकारों का हनन नहीं कर सकेगा और हर पीड़ित को न्याय मिलेगा।
जनता दर्शन में सख्ती और संवेदनशीलता दोनों झलकी
सीएम ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि जबरन कब्जा करने वालों और अपराधियों पर बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। मुख्यमंत्री का उद्देश्य है कि जनता की हर समस्या का समाधान तेजी और ईमानदारी से हो।
खुद पहुंचे लोगों के बीच, सुनीं समस्याएं
प्रतिकूल मौसम की वजह से इस बार जनता दर्शन का आयोजन सभागार में किया गया। मुख्यमंत्री स्वयं फरियादियों के पास पहुंचे, उनकी बातें सुनीं और मौके पर मौजूद अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार हर नागरिक के साथ खड़ी है और हर शिकायत का निपटारा प्राथमिकता से किया जाएगा।
गंभीर मरीजों के इलाज में नहीं होगी रुकावट
इस दौरान कई लोग गंभीर बीमारियों से जूझ रहे परिवार के सदस्यों के इलाज के लिए आर्थिक सहायता की मांग लेकर आए। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि धन के अभाव में किसी का इलाज नहीं रुकेगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी ऐसे मामलों का मेडिकल इस्टीमेट तुरंत तैयार कर सरकार को भेजा जाए ताकि आर्थिक मदद समय पर उपलब्ध कराई जा सके।
संवेदनशील शासन का प्रतीक बना जनता दर्शन
जनता दर्शन कार्यक्रम एक बार फिर साबित करता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार जवाबदेह और संवेदनशील शासन के प्रति समर्पित है। अपराध, दहेज हत्या, जमीन कब्जा और जन समस्याओं पर उनके सख्त रुख ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि प्रशासन में कानून सर्वोपरि रहेगा और न्याय से कोई ऊपर नहीं है।

