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UP News : सीएम योगी ने की नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्यां की समीक्षा,दिए निर्देश

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्यां की समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने प्रदूषण की मार झेल रहीं संकटग्रस्त नदियों के पुनर्जीवन को जनांदोलन का स्वरूप देने की आवश्यकता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हम नदी पुनरुद्धार को केवल परियोजना नहीं, बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना और जिम्मेदारी के रूप में स्वीकार करें। लखनऊ की गोमती नदी, गाजियाबाद की हिण्डन नदी, काशी की वरुणा नदी सहित प्रदेश की विभिन्न नदियों के पुनर्जीवन के लिए हमें मिशन मोड में कार्य करते हुए मिलकर प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मानव सभ्यता का विकास सदैव नदियों के किनारे ही हुआ है। जिन जीवनदायिनी नदियों के किनारे हमारी संस्कृति फली-फूली, उन्हीं नदियों को हमने अनियोजित शहरीकरण और प्रदूषण के हवाले कर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि नदी पुनरुद्धार के लिए मण्डलायुक्तों की जिम्मेदारी तय की जाए और इस वर्ष पौधरोपण कार्यक्रम विशेष रूप से नदियों के किनारे केंद्रित हो। यह कार्य केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि जनसहभागिता पर आधारित हो।
मुख्यमंत्री जी ने राजधानी लखनऊ की गोमती नदी पर विशेष ध्यान देते हुए ’अविरल-निर्मल गोमती’ की परिकल्पना को मूर्त रूप देने हेतु निर्देशित किया कि एक माह के भीतर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि यह जनमहत्व का कार्य है, जिसे शीर्ष प्राथमिकता पर रखते हुए अन्य सभी औपचारिकताएं शीघ्र पूर्ण कर मानसून उपरांत इस पर भौतिक कार्य प्रारम्भ कर दिया जाए। गोमती नदी की स्वच्छता कार्ययोजना को जनसहभागिता के माध्यम से आगे बढ़ाया जाए। जल निकासी व्यवस्था में सीवर और ड्रेनेज को पृथक रूप से देखा जाए और गोमती नदी में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज की स्थिति सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि गोमती नदी की तर्ज पर प्रदेश की अन्य नदियों जैसे हिण्डन नदी, वरुणा नदी आदि के लिए भी कार्ययोजना तैयार की जाएं और इसकी नियमित मॉनिटरिंग भी की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने ‘जल जीवन मिशन’ एवं ’हर घर नल’ योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का संकल्प है, जिसे प्रदेश सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ साकार कर रही है। बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में 37,730 ग्रामों में नियमित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है, जिनमें 25,166 ग्रामों का प्रमाणीकरण भी पूर्ण हो चुका है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 3,016 और विंध्य क्षेत्र के 2,051 गांवों में प्रतिदिन शुद्ध जलापूर्ति हो रही है। मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इन दुर्गम क्षेत्रों में कार्यों की गुणवत्ता, समयबद्धता और संचालन-रखरखाव की जिम्मेदारी स्पष्ट की जाए। गांवों में जल समितियों को सक्रिय करते हुए हर स्तर पर जनसहभागिता को बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि अब तक राज्य में 42,810 पेयजल सम्बन्धी शिकायतें दर्ज हुई हैं, जिनमें से 38,161 का समाधान किया जा चुका है। इस पर मुख्यमंत्री जी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रत्येक शिकायत का 24 घंटे में अनिवार्य रूप से निस्तारण हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि जल की गुणवत्ता पर कोई प्रश्नचिन्ह न लगे।
मुख्यमंत्री जी ने वर्तमान गर्मी के मौसम को देखते हुए पूरे प्रदेश में निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी जनपद स्तरीय प्रशासनिक इकाइयाँ 24×7 अलर्ट मोड पर रहें। सभी उपलब्ध पेयजल स्रोत सक्रिय रहें। गांवों में पेयजल संकट की सूचना त्वरित रूप से प्राप्त हो, इसके लिए सभी जनपदों में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएं और नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर उनका प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। सभी खराब हैण्डपम्पों की तत्काल मरम्मत कराई जाए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट की स्थिति उत्पन्न न हो।
मुख्यमंत्री जी ने ‘हर घर नल’ योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए निर्देशित करते हुए कहा कि जहां-जहां पेयजल पाइपलाइन डालने या अन्य कार्यों के कारण सड़कों की खुदाई हुई है, उनकी मरम्मत प्राथमिकता से की जाए। उन्होंने अधिशासी अभियंताओं को निर्देशित किया कि वे स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ स्थलीय भ्रमण कर कार्यों की गुणवत्ता जांचें और इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रेषित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘जल जीवन मिशन’ के माध्यम से जहां एक ओर जल की उपलब्धता बढ़ी है, वहीं इससे सामाजिक सम्मान, विशेषकर महिलाओं की गरिमा और समय की बचत को भी बल मिला है। उन्होंने सुझाव दिया कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र और विंध्य क्षेत्र में ‘जल जीवन मिशन’ के प्रभावों का मूल्यांकन किसी प्रतिष्ठित संस्था द्वारा कराया जाए, ताकि यह जाना जा सके कि योजनाओं ने लोगों के जीवन में क्या सकारात्मक परिवर्तन लाए हैं। मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित करते हुए कहा कि सभी वॉटर हेड टैंकों के आसपास साज-सज्जा कर सौंदर्यीकरण किया जाए, जिससे लोगों के बीच जल के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता का भाव विकसित हो।

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