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UP : आकांक्षी जनपद बहराइच, श्रावस्ती और महराजगंज की बेस्ट प्रेक्टिसेज बनी मिसाल

Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath | PTI

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा और नेतृत्व में प्रदेश के आकांक्षी जनपदों में विकास की एक नई तस्वीर उभरकर सामने आ रही है। विशेष रूप से बहराइच, महराजगंज और श्रावस्ती जैसे जिलों में नवाचार, सामुदायिक सहभागिता और तकनीक के उपयोग से शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और पुनर्वास जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की जा रही है। नीति आयोग के मार्गदर्शन और स्थानीय प्रशासन की समर्पित मेहनत से ये जनपद न केवल अपने भीतर बदलाव ला रहे हैं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन रहे हैं।

बहराइच जिले में बी-2 (बांस-बेस्ड) बाजार की पहल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है। यह बाजार स्वयं सहायता समूहों को एक मंच प्रदान करता है जहां वे बांस से बने हस्तनिर्मित उत्पादों को बेच सकती हैं। इससे न केवल स्थानीय कारीगरों के कौशल को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी गति आई है। इसके अतिरिक्त, नेपियर घास की खेती और मल्टी लेयर फार्मिंग तकनीक के जरिए किसानों को लाभकारी फसल उत्पादन में मदद मिली है। मचान विधि से कद्दू, लौकी और करेला जैसी फसलों की खेती की जा रही है, जिससे किसानों की आय में सीधा इजाफा हुआ है। साथ ही, पतंजलि के साथ हल्दी खरीद के लिए हुए एमओयू ने स्थानीय किसानों को बाजार से जोड़ा है, जिससे उन्हें स्थायी आमदनी का एक भरोसेमंद जरिया मिला है।

महराजगंज जनपद में “मां पाटेश्वरी विला सिटी” नामक पुनर्वास परियोजना ने बाढ़ प्रभावित परिवारों को नया जीवन देने का कार्य किया है। इस परियोजना के तहत प्रभावितों को सुरक्षित आवास ही नहीं, बल्कि उनकी आजीविका से जुड़े संसाधन भी उपलब्ध कराए गए हैं। विकास संकुल योजना के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी सुविधाओं से जोड़ा गया है, जिससे गांवों में स्वच्छ जल, बिजली, पक्की सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंच रही हैं और ग्रामीणों के जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार देखा जा रहा है।

श्रावस्ती में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवाचारों ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। हर विद्यालय में स्वच्छता कर्मियों की नियुक्ति से स्कूलों में स्वच्छता बेहतर हुई है और “बुलावा दल” के गठन से बच्चों की उपस्थिति में बढ़ोतरी हुई है। यह दल अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा के लिए प्रेरित करता है। बच्चों के लर्निंग आउटकम की निगरानी गूगल शीट्स के जरिए की जा रही है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आ रहा है। वहीं, स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावी बनाने के लिए 215 एएनएम को सीएसआर फंड से स्कूटी उपलब्ध कराई गई है, जिससे वे दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच पा रही हैं। इसके अलावा, पोषण पुनर्वास केंद्रों की स्थापना ने गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों (सैम) के उपचार में बड़ी भूमिका निभाई है।

इन तीनों जनपदों में लागू की गई ये बेस्ट प्रैक्टिसेज केवल योजनाएं नहीं, बल्कि परिवर्तन की जीवंत मिसालें हैं। ये नीतिगत नवाचार और स्थानीय सहभागिता मिलकर उत्तर प्रदेश के आकांक्षी जनपदों को आत्मनिर्भरता और सतत विकास की राह पर आगे बढ़ा रहे हैं।

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