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Aligarh : चार साल से बिजलीघर बना महिला का घर, प्रशासन और बिजली विभाग की घोर लापरवाही उजागर

अलीगढ़ जिले के महेशपुर थाना क्वार्सी क्षेत्र के वहीद नगर में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक परिवार का घर बीते चार साल से बिजलीघर बना हुआ है और प्रशासन समेत बिजली विभाग लगातार शिकायत के बावजूद बेखबर बना हुआ है। स्थानीय निवासी और पीड़िता ने बताया कि उनके मकान में बिजली विभाग ने कई वर्षों पहले तार और पोल से कनेक्शन निकाले, लेकिन इसके बाद पूरा मकान ही ट्रांसफार्मर और बिजली के जंजाल से घिर गया। परिवार को हर समय करंट फैलने और आग लगने का भय सता रहा है, लेकिन न तो विभाग सुन रहा है और न ही प्रशासन ने सुध ली।

पीड़िता का आरोप है कि वह चार साल से अधिकारियों के चक्कर काट रही है, हर अधिकारी को प्रार्थना पत्र दे चुकी है, लेकिन आज तक समाधान नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि कई बार लाइनमैन, अवर अभियंता और एसडीओ से शिकायत की, मगर सबने सिर्फ जांच का भरोसा दिलाया, कार्रवाई कुछ नहीं हुई। घर में छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर दिन मौत के साए में जी रहे हैं, लेकिन विद्युत विभाग कुंभकरण की नींद में सोया हुआ है।

महिला ने बताया कि घर में जगह-जगह तार झूल रहे हैं, मीटर का बॉक्स पूरी तरह जर्जर हो चुका है और ट्रांसफार्मर से लगातार चिंगारी गिरती रहती है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बारिश के दौरान मकान में करंट फैलने का खतरा बढ़ जाता है। कई बार तो बच्चों को झटका लग चुका है, इसके बावजूद अधिकारी गंभीर नहीं हैं। पीड़िता ने कहा कि प्रशासन और विभाग शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं, तभी जागेंगे।

स्थानीय लोगों ने भी इस गंभीर समस्या को लेकर आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि पूरे मोहल्ले में दहशत का माहौल है, किसी दिन यह जर्जर वायरिंग और ट्रांसफार्मर आग पकड़ ले तो दर्जनों घर इसकी चपेट में आ सकते हैं। मोहल्लेवासियों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी मौके पर आते भी हैं तो केवल कागजी खानापूर्ति करके चले जाते हैं, कोई स्थायी समाधान नहीं किया जाता।

पीड़िता ने पुनः अपील की है कि प्रशासन और बिजली विभाग तुरंत हरकत में आएं और उनके घर को इस खतरनाक स्थिति से मुक्त कराएं, जिससे परिवार को चैन की सांस मिल सके। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई दुर्घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह विद्युत विभाग की होगी।

इस बीच स्थानीय समाजसेवियों ने भी पीड़िता का साथ देने की बात कही है और जल्द ही उच्चाधिकारियों से मिलकर ठोस कार्रवाई की मांग करने का आश्वासन दिया है। कुल मिलाकर, यह मामला न सिर्फ विद्युत विभाग की लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि उन सरकारी व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े करता है जो आम आदमी की सुरक्षा और जीवन के अधिकार की अनदेखी कर रही हैं।

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