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Lucknow: दिल्ली धमाके पर अखिलेश यादव का सवाल — “ऐसी चूक के लिए कौन जिम्मेदार?”

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने दिल्ली में हुए धमाके को लेकर केंद्र सरकार और खुफिया एजेंसियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। बुधवार को मीडिया से बातचीत में अखिलेश ने कहा कि लगातार हो रही सुरक्षा चूकें यह साबित करती हैं कि देश का इंटेलिजेंस सिस्टम कमजोर हो चुका है।

“ऐसी चूक के लिए आखिर जिम्मेदार कौन?” — अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने कहा— “हमने भूटान में प्रधानमंत्री मोदी का बयान सुना कि आरोपियों को नहीं छोड़ा जाएगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि बार-बार खुफिया तंत्र की विफलता क्यों हो रही है? ऐसी चूक के लिए जिम्मेदार कौन है?” उन्होंने कहा कि सरकार को या तो इस नाकामी के लिए अधिकारी स्तर पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए या फिर खुफिया तंत्र को मजबूत करने के कदम तुरंत उठाने चाहिए।

एग्जिट पोल पर भी साधा निशाना — “यह विपक्ष का मनोबल गिराने की साजिश”

बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश ने कहा— “ये एग्जिट पोल एक एजेंडे के तहत चलाए जा रहे हैं ताकि विपक्षी कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराया जा सके।” उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि— “सतर्क रहें, ये एग्जिट पोल लोगों को भ्रमित करने और विपक्ष को कमजोर दिखाने का प्रयास हैं।”

“बीजेपी मतदाता सूची में गड़बड़ी कराने की साजिश कर रही है”

पार्टी मुख्यालय में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के दौरान अखिलेश ने दावा किया कि समाजवादी पार्टी ने “PDA प्रहरी” तैयार किए हैं, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि— जनता का नाम वोटर सूची में शामिल हो, कोई वोट कटे नहीं, किसी वर्ग को मतदान से वंचित न किया जाए|

उन्होंने गंभीर आरोप लगाया— “बीजेपी ऐसी साजिश कर रही है कि जनता मतदाता सूची में नाम जोड़ने में ही उलझी रहे और सरकार से सवाल न पूछ सके।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई सरकारी अधिकारी बीजेपी के हित में काम कर रहे हैं, और चुनाव आयोग को इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।

“2022 चुनाव में बीजेपी ने बेईमानी की” — अखिलेश का आरोप

अखिलेश यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा— “बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में बेईमानी की। मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया गया। लोकतंत्र की जड़ें कमजोर हो रही हैं।” उन्होंने कहा कि इसकी जड़ निर्वाचन आयोग की कमजोरियों में है और यह लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है।

दिल्ली धमाके पर अखिलेश यादव के तीखे सवालों ने सुरक्षा चूक और खुफिया तंत्र की विफलताओं को फिर से राजनीतिक बहस के केंद्र में ला दिया है। साथ ही एग्जिट पोल, चुनावी प्रक्रिया और सरकारी एजेंसियों की भूमिका को लेकर उनकी टिप्पणियों ने विपक्ष के तेवर और भी सख्त कर दिए हैं|

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