उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में प्रशासन ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बड़ा एक्शन लिया है। संभल की दो हड्डी (बोन) मिलों को प्रदूषण फैलाने के आरोप में बंद करा दिया गया है। यह कार्रवाई प्रदूषण नियंत्रण के नियमों के उल्लंघन को देखते हुए की गई है। प्रशासन ने सभी उद्योगों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि किसी ने मानकों का उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
संभल के सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। उनके अनुसार शहर के ग्राम चिमयावली में कई बोन मिलें संचालित हो रही हैं, जिनमें से कई प्रदूषण फैलाने के कारण चर्चा में हैं। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि हमारे न्यायालय में धारा 133 सीआरपीसी के तहत कुछ वाद विचाराधीन हैं। उन्हीं मामलों के निरीक्षण के क्रम में 4 जून को कोहिनूर बोन मिल और हिंदुस्तान बोन मिल का निरीक्षण किया गया था।
निरीक्षण के दौरान कोहिनूर बोन मिल पूरी तरह से संचालित पाई गई, जिसमें बिना किसी मानक के रॉ मैटेरियल बिखरा पड़ा था। वहीं, हिंदुस्तान बोन मिल उस समय बंद थी, लेकिन उसमें भी रॉ मैटेरियल खुले में पड़ा था। यह देखा गया कि दोनों मिलों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का कोई पालन नहीं किया जा रहा था।
प्रशासन ने तुरंत संज्ञान लेते हुए 10 और 11 जून को दोनों मिलों को बंद करने और रॉ मैटेरियल के डिस्पोजल का आदेश जारी किया। इसके तहत बुधवार को राजस्व, पुलिस, नगर पालिका और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने दोनों मिलों पर पहुंचकर कार्रवाई की। मिलों को बंद कर दिया गया और रॉ मैटेरियल को मौके पर डिस्पोज करने की प्रक्रिया शुरू की गई।
सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए यह आवश्यक था क्योंकि क्षेत्र में प्रदूषण का मुख्य कारण यही हड्डी मिलें हैं। उन्होंने कहा कि सीआरपीसी की धारा 133 के तहत जो आदेश पारित हुए हैं, उनके खिलाफ कोई स्थगन आदेश नहीं है। इसलिए इन इकाइयों को बंद किया जा रहा है।
प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि यह कार्रवाई केवल शुरुआत है। जिन भी उद्योगों द्वारा वायु प्रदूषण को बढ़ावा दिया जाएगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बाकी बोन मिलों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का पूरी तरह पालन करें।
यह कदम पर्यावरण संरक्षण और नागरिकों के स्वास्थ्य की दृष्टि से अहम माना जा रहा है। स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन की इस कार्रवाई की सराहना की है और आशा जताई है कि आगे भी ऐसे प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर लगाम लगाई जाएगी।