नोएडा गोलचक्कर पर बढ़ते ट्रैफिक भार और पैदल यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए अब यहां स्काईवॉक बनाया जाएगा। यह परियोजना बिल्ट-ऑपरेट-ट्रांसफर (BOT) मॉडल पर विकसित होगी। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण ने एक बार फिर से टेंडर जारी किया है, जिसकी बिड 12 दिसंबर को खोली जाएगी।
15 करोड़ रुपए की लागत, 6 महीने में पूरा होगा निर्माण
- सूत्रों के अनुसार स्काईवॉक के निर्माण पर लगभग 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
- बिड में सबसे कम लागत वाली कंपनी का चयन किया जाएगा।
- चयनित कंपनी को निर्माण के बाद विज्ञापन अधिकार (Advertisement Rights) दिए जाएंगे ताकि वह अपनी लागत निकाल सके।
- निर्माण अवधि 6 महीने निर्धारित की गई है।
दिल्ली-नोएडा ट्रैफिक में राहत
दिल्ली से आने वाला भारी ट्रैफिक अक्सर नोएडा गोलचक्कर (सेक्टर-1, 2, 14, 15) पर भीड़ और जाम का कारण बनता है। यहां- पैदल यात्रियों की संख्या अधिक होने, सड़क पार करने में दिक्कत होने, पीक आवर में जाम लगने की स्थिति आम है। स्काईवॉक बनने के बाद पैदल यात्री सड़क पर नहीं आएंगे, जिससे जाम कम होगा और दुर्घटनाओं में भी बड़ी कमी आने की उम्मीद है।
सेक्टर-15, सेक्टर-3 और IOC क्रॉसिंग को जोड़ेगा स्काईवॉक
प्रस्तावित स्काईवॉक तीन प्रमुख स्थानों को जोड़ेगा- सेक्टर-15,सेक्टर-03, इंडियन ऑयल क्रॉसिंग, इससे पैदल आवागमन बेहद सुरक्षित और सुगम हो जाएगा।
एस्केलेटर और लिफ्ट की सुविधा
आधुनिक स्काईवॉक में-
- दोनों ओर स्वचालित सीढ़ियाँ (एस्केलेटर)
- दिव्यांगजन के लिए लिफ्ट की व्यवस्था की जाएगी।
- डीपीआर के अंतिम रूप के बाद कुल लागत और डिजाइन तय की जाएगी।
- जाम और दुर्घटनाओं पर लगेगी रोक
स्काईवॉक तैयार होने के बाद-
- पैदल यात्रियों के कारण लगने वाला जाम खत्म होगा
- गोलचक्कर पर सड़क हादसों में कमी आएगी
- ट्रैफिक मूवमेंट और सुचारु हो जाएगा
यह प्रोजेक्ट नोएडा के व्यस्ततम चौराहों में से एक को अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

