उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रहा है। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (DMIC IITGNL) ने ग्रेटर नोएडा में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब (MMLH) के विकास के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया है। करीब ₹5,881 करोड़ की लागत से बनने वाला यह हब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में माल परिवहन और भंडारण सुविधाओं को नई रफ्तार देने वाला साबित होगा।
ईस्टर्न और वेस्टर्न DFC के संगम पर बनेगा लॉजिस्टिक्स हब
यह हब गौतम बुद्ध नगर जिले के दादरी ब्लॉक में लगभग 311 हेक्टेयर भूमि पर विकसित किया जाएगा। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) के जंक्शन के पास स्थित होगा। इससे यह परियोजना घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के माल को सीधे DFC नेटवर्क के जरिए संभालने में सक्षम होगी, जिससे परिवहन लागत और समय दोनों में कमी आएगी।
5,881 करोड़ की परियोजना से बढ़ेगी औद्योगिक रफ्तार
MMLH परियोजना दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) के अंतर्गत विकसित की जा रही है। इसका उद्देश्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश के औद्योगिक क्लस्टरों को उच्च गति वाले फ्रेट मार्गों से जोड़ना और क्षेत्र की औद्योगिक प्रतिस्पर्धा को मजबूत करना है।
मुख्य विशेषताएं:
- परियोजना का अनुमानित बजट — ₹5,881 करोड़
- भूमि क्षेत्र — 311 हेक्टेयर
- स्थान — दादरी, गौतम बुद्ध नगर
- विकसित करने वाली संस्था — DMIC IITGNL (GNIDA और NICDIT की संयुक्त इकाई)
दिल्ली-हावड़ा रूट पर रणनीतिक लोकेशन
यह हब दिल्ली-हावड़ा ब्रॉड-गेज रेल लाइन और एनएच-91 के पास स्थित होगा। परियोजना में रेल साइडिंग, ट्रैक इंफ्रास्ट्रक्चर, कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउसिंग, कंटेनर हैंडलिंग जोन और नॉन-कंटेनराइज्ड कार्गो की आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी। साथ ही बैंकिंग, बीमा, शिपिंग और पैकेजिंग जैसी वैल्यू-एडेड सेवाएं भी इस परियोजना का हिस्सा होंगी।
PPP मॉडल पर बनेगा MMLH — DBFOT होगा आधार
यह परियोजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत Design, Build, Finance, Operate and Transfer (DBFOT) आधार पर विकसित की जाएगी। निजी साझेदार को परियोजना के निर्माण, संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी 45 वर्षों की रियायत अवधि के लिए दी जाएगी।
निर्माण तीन चरणों में होगा, पहले चरण में 2,374 करोड़ का निवेश
परियोजना को तीन चरणों में विकसित किया जाएगा —
चरण अनुमानित निवेश क्षमता
- पहला चरण ₹2,374 करोड़ 0.74 मिलियन टन कंटेनराइज्ड और 6.7 मिलियन टन नॉन-कंटेनराइज्ड माल
- दूसरा चरण ₹1,412 करोड़ क्षमता विस्तार और नए वेयरहाउस
- तीसरा चरण ₹2,095 करोड़ लॉजिस्टिक्स विस्तार और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर
पहले चरण में बनेगा आधुनिक वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज
पहले चरण में —
- 30 लाख वर्गफुट का आधुनिक वेयरहाउस
- 3 लाख वर्गफुट का कोल्ड स्टोरेज बनाया जाएगा।
भविष्य में इसे क्रमशः 1.25 करोड़ वर्गफुट और 12 लाख वर्गफुट तक विस्तार करने की योजना है। यह हब पूरे उत्तर भारत के लिए लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन का केंद्रीय केंद्र बनेगा।
ग्लोबल टेंडर की मुख्य तिथियां
प्रक्रिया तिथि
प्रश्न पूछने की अंतिम तिथि 28 नवंबर 2025
प्री-बिड मीटिंग 8 दिसंबर 2025
उत्तर जारी करने की तिथि 5 जनवरी 2026
बिड जमा करने की अंतिम तिथि 6 फरवरी 2026
तकनीकी बिड खोलने की तिथि 9 फरवरी 2026
इसके बाद वित्तीय मूल्यांकन और अनुबंध हस्ताक्षर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
DMIC IITGNL — भारत के औद्योगिक मानचित्र पर नया केंद्र
DMIC IITGNL एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) है, जिसे नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट एंड इम्प्लीमेंटेशन ट्रस्ट (NICDIT) और उत्तर प्रदेश सरकार (GNIDA के माध्यम से) ने संयुक्त रूप से प्रमोट किया है। इस परियोजना का लक्ष्य है —
- पश्चिमी यूपी को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करना
- उद्योगों के लिए निर्बाध परिवहन और भंडारण नेटवर्क तैयार करना
- और ग्लोबल सप्लाई चेन से कनेक्टिविटी बढ़ाना।
ग्रेटर नोएडा का यह मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब न केवल उत्तर प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को नई ऊंचाई देगा, बल्कि यह पूरे देश के लिए स्मार्ट लॉजिस्टिक्स और आर्थिक एकीकरण का मॉडल बनेगा। यह परियोजना भारत को “मेक इन इंडिया” और “लॉजिस्टिक्स इफिशिएंसी” की दिशा में एक और बड़ा कदम आगे बढ़ाने में मदद करेगी।

