उत्तर प्रदेश में बिना किसी सूचना के लगातार गायब रहने वाले डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। डिप्टी मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सात डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश उन डॉक्टरों के खिलाफ आया है जो लंबे समय से अपने पदों पर उपस्थित नहीं थे और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा संपर्क करने के बावजूद कोई जवाब नहीं दिया।
गैरहाजिर डॉक्टरों में झांसी जिला चिकित्सालय के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकुल मिश्र, अमेठी के बाजार शुक्ल न्यू सीएचसी के डॉ. विकास कुमार मिश्र, अमेठी के जगदीशपुर न्यू सीएचसी के डॉ. विकलेश कुमार शर्मा, बरेली सीएमओ के अधीन डॉ. दीपेश गुप्ता, सीतापुर मिश्रिख सीएचसी में गायनी की डॉ. श्वेता सिंह, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विक्रांत आनंद और हाथरस जिला चिकित्सालय के पैथोलॉजिस्ट डॉ. मोहम्मद राफे शामिल हैं।
इस कार्रवाई के अलावा, बदायूं राजकीय मेडिकल कॉलेज में ईएनटी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अभिषेक कुमार शाह वर्ष 2023 से लगातार अनुपस्थित हैं। उन्हें आरोप पत्र देकर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
डिप्टी सीएम ने पीलीभीत जिला महिला चिकित्सालय में मरीजों को समुचित इलाज न मिलने की शिकायत को गंभीरता से लिया। शिकायत के आधार पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार को आरोप पत्र देकर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
साथ ही, हमीरपुर के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. गीतम सिंह पर निविदा प्रक्रिया के नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगा। उन्हें भी आरोप पत्र देकर विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
डिप्टी मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने स्पष्ट किया कि कार्यों के प्रति लापरवाही और गैरहाजिरी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्वास्थ्य सेवाओं में अनियमितता और नियमों की अवहेलना करने वाले अधिकारी और डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।